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महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी महात्मा गांधी विश्वविद्यालय ऐसा विश्वविद्यालय जहां शिक्षक,शिक्षिका,विद्यार्थी एक दूसरे से बात करने में भी कतराते हैं विश्वविद्यालय शिक्षा का केंद्र बिंदु माना जाता है जहां यूनिवर्सल ज्ञान पर वाद विवाद हो सके परंतु अपने प्रारंभिक काल में कुलपति अरविंद अग्रवाल द्वारा हिटलर शाही रवैया अपने आप में विश्वविख्यात में प्रचलित है। ऐसा धरोहर कुलपति जो अपने बच्चों से वाद-विवाद ना करते बच्चों से आग्रह करते हैं प्लीज मेरी बारे में सोशल साइट पर कुछ भी ना लिखें अगर आप इतना ही सत्य है तो  डरते क्यों सवाल है सोचिए ?  शैक्षणिक योग्यता पर भी जरा गौर कीजिए.. कुलपति अरविंद अग्रवाल जिन्होंने MHRD को दिए अपने आवेदन में⤵ Under graduation में 49.85 % प्राप्त marks को Over 60 % बता कर साथ ही MHRD को दिए अपने आवेदन में सन  1989  में उन्होंने ‘हिडलबर्ग यूनिवर्सिटी’ से पी-एच.डी . डाला है जबकि सच्चाई यह है कि उन्होंने  1992  में प्रोफेसर एन. के. सिंह के निर्देशन में राजस्थान यूनिवर्सिटी, जयपुर से पी-एच.डी . की है।इन्होंने गलत तथ्य रखकर ना सिर

चाणक्य नीति

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चाणक्य नीति भारतीय पत्रकार द्वारा

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IAs exam ethic questions case study

Qst for  Mains paper 4 Ethics Case Study ************  प्रश्न . आप किसी ज़िले में ज़िलाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। विश्वसनीय सूत्रों से आपको यह जानकारी मिलती है कि आपके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत किसी गाँव में सामूहिक रूप से बाल-विवाह का आयोजन होने वाला है। बाल-विवाह आयोजित कराने में समाज के कुछ प्रतिष्ठित एवं राजनीतिक पहुँच रखने वाले लोगों के साथ कुछ गरीब एवं लाचार लोग भी शामिल हैं। पूर्व में भी ऐसी घटनाएँ हुईं थीं जिन्हें रोकने में असफल होने पर प्रशासनिक ईकाइयों की काफी आलोचना की गई थी। ध्यातव्य है कि इस गाँव की पृष्ठभूमि ऐसी है कि छोटी-छोटी बातों पर भी उग्र व हिंसक प्रदर्शन करने लगते हैं। इस घटना को रोकने के लिये आपके पास कौन-कौन से विकल्प हैं?  उत्तर . उपरोक्त घटना के आलोक में निम्नलिखित विकल्पों पर विचार किया जा सकता है- 1. घटना के विश्लेषण से यह ज्ञात होता है कि यह दो व्यक्तियों के अधिकारों (मानवाधिकार) के उल्लंघन का मामला है, जो कि कानूनी रूप से भी स्वीकृत नहीं है। अतः बाल-विवाह के आयोजन को रोकना ही हमारा प्राथमिक उद्देश्य होगा। अतः इस परिस्थिति में ‘नैतिक अनुनयन’ (Ethical pe

Ias preparation

मेरे आईएएस की तैयारी करने वाले मित्र अवश्य पढ़े !!! सोलह, सत्रह साल की छोटी सी उम्र मे गावं की पगडंडीयों से उठकर जब एक लड़की/ लड़का खड़खड़ाती हुई बस में अपनें हौसलों के उड़ान के साथ बैठता है तब उसके दिमाग में बत्तियां जलती है वो बत्तियां लाल/ नीली होती हैं !! मेरे तमाम आईएएस की तैयारी करनें वाले मित्रो के लिए !! आज मायूस है तू, आज डरा हुआ है तू आखिर क्या मायूस होना जीत है? क्या डर के खामोश बैठ जाना जीत है? अरे तू कभी खूद्दार हुआ करता था अरे तू कभी रात-रात पढाई करता रहता था फिर आज ये डर कैसा ये मायूसी कैसी क्या भूल गया वो पल जब तुमने घर से बैग उठाया था अकेले दिल्ली जानें को; क्या बोला था दोस्त को, क्या बोला था जलने वालों को अरे उस वक्त को याद कर जब तू अलग था अरे उस वक्त को याद कर जब तू ट्रेन में बैठा था अरे उस मुसाफिर को याद कर जिसे आईएएस बनने की ट्रेन में बोला था ! याद आ गये ना वो दिन जब सपनों को इज्जत माना जाता था याद आ गये ना वो दिन जब दोस्त को पढाई के बहाने ना बोला जाता था ! याद कर वो दिन जब अकेले में किसी को कहा था कि आईएएस बनूंगा ! क्यूं चुप है अब,क्यूं सोया
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