एक कदम ऊंचाई की तरफ महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी हायर एजुकेशन के मामले में बिहार बहुत पीछे था जिस के संदर्भ में सांसद अधिनियम के अधीन महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई(2016) इस विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति महोदय डॉ अरविंद अग्रवाल जी हैं जो भारत की एक बड़े समाजशास्त्री के रूप में भी जाने जाते। आज पूरे चंपारण वासियों को इस विश्वविद्यालय के खुलने के साथ-साथ इतने योग्य कुलपति महोदय साथ ही शिक्षक इस विश्वविद्यालय के छात्रों की भविष्य की मार्गदर्शन देने के लिए विभिन्न विभिन्न स्थानों से पधारे हुए हैं मैं तहे दिल से उन सभी प्रिय शिक्षक को स्वागत करता हूं जिन्होंने चंपारण की धरती पर आने के प्रति रुचि प्रकट की। विश्व विद्यालय अपने नियत समय पर भूमि ना उपलब्ध होने से जिला स्कूल के कैंपस से अपने छात्रों को हायर एजुकेशन प्रदान कर रही है परंतु(2017) के नए बैच के विद्यार्थियों को इस बार निराश पूर्ण होना स्वभाविक है क्योंकि भूमि उपलब्ध ना होने के संदर्भ में यह सब चालू नहीं हो पाएगा संभवता। राज्य सरकारी अभी तक ना कोई भूमि उपलब्ध करा रही है नहीं कुछ इस पर व्य
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Showing posts from March, 2017
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सोच बदलो इस्लाम धर्म में फतवा (अरबी)मजहब के जानकार व्यक्ति द्वारा दिया गया राय है फतवा शब्द से तात्पर्य मुस्लिम लोग के मुताबिक किसी निर्णय पर नोटिफिकेशन जारी करना दो शब्द में राय कहते हैं यह कोई कानून नहीं है जिस पर डरना चाहिए यह एक राय है और कोई भी फतवा नहीं दे सकता जब तक उसे इस्लाम की पूरी जानकारी नहीं है फतवा देने के लिए एक अथॉरिटी होती है जो पूरी तरह सोच विचार कर अपना निर्णय देती है अगर फतवा को जबरदस्ती से लागू कराया जाता है तो वह गलत है क्योंकि इस्लाम जोर जबरदस्ती की इजाजत खुद ही नहीं देता। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है जहां अखंडता एकता सद्भावना की पुष्प खिलती है जिस पुष्प से भारत सौरभ सा एकता के बंधन में बंधे रहते हैं भारत धर्मनिरपेक्ष होने के साथ-साथ प्रत्येक धर्म में धर्मगुरुओं की प्रधानता देखने को मिलती है लोगों की अपने धर्मगुरुओं से अपने समस्या का निदान के सहयोग के लिए जाते हैं परंतु आज के संदर्भ में देखें फतवा का स्वरुप पर दिया जा रहा है हाल ही के दिनों में असम में 46 मौलानाओं ने मिलकर सिंगर नाहिद आफरीं की म्यूज़िकल नाइट के खिलाफ पर्चे बंटवाए हैं. वे चाहते हैं कि लोग नाह
स्वच्छता
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7 मित्रों आज जगह जगह भारत में एक ही हल्ला बोल है चाहे वह राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार हो किसी की नीतियां पूर्ण रुप की बात तो छोड़ दी जाए तो जमीनी हकीकत पर नहीं दिखता इस वैश्वीकरण की दुनिया में भारत को अगर विकसित राष्ट्र में आना है तो सर्वप्रथम स्वच्छता को अपनाना होगा क्योंकि आप चीन को देख लो तो आप पाओगे वहां सबसे पहले स्वच्छता का अभियान चला था कि धीरे-धीरे अपने नीतियों को क्रियांवित करते हुए विश्व का बड़ी अर्थव्यवस्था संभाल रहा है मैं यह बिहार में एक विद्यालय का तस्वीर है जहां इतनी गंदगी फैली हुई है फिर भी ना राज्य की सरकारी से देखती है और ना ही यहां के केबिनेट मिनिस्टर धन्यवाद पढ़ने के लिए।