Article 370
1947 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने कश्मीर के प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला को अनुच्छेद 370 तैयार करने के लिए अंबेडकर से सलाह लेने को कहा। अंबेडकर इसके लिए राजी नहीं हुए तब शेख अब्दुल्ला ने यह ड्राफ्ट तैयार किया। वह इस अनुच्छेद को स्थायी तौर पर लागू करना चाहते थे, लेकिन केंद्र ने नहीं माना। ये हैं मुख्य प्रावधान -अनुच्छेद 370 के अनुसार, भारतीय संसद को केवल रक्षा, विदेश, वित्त व संचार मामलों में कानून बनाने का अधिकार है। -अन्य कानूनों को लेकर राज्य सरकार से अनुमोदन लेना जरूरी है। -भारतीय संसद राज्य की सीमाएं घटा-बढ़ा नहीं सकती है। -तिरंगे के अलावा जम्मू-कश्मीर का अपना अलग झंडा है। -भारत के दूसरे राज्यों के लोग इस राज्य में भूमि नहीं खरीद सकते। -वहां के लोगों के पास दोहरी नागरिकता है। -विधानसभा का कार्यकाल भी छह वर्ष का है। -शिक्षा व सूचना का अधिकार जैसे कानून और सीबीआइ, कैग जैसी एजेंसियां भी यहां लागू नहीं होती।