Posts

Showing posts from August, 2017

Article 370

1947 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने कश्मीर के प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला को अनुच्छेद 370 तैयार करने के लिए अंबेडकर से सलाह लेने को कहा। अंबेडकर इसके लिए राजी नहीं हुए तब शेख अब्दुल्ला ने यह ड्राफ्ट तैयार किया। वह इस अनुच्छेद को स्थायी तौर पर लागू करना चाहते थे, लेकिन केंद्र ने नहीं माना। ये हैं मुख्य प्रावधान -अनुच्छेद 370 के अनुसार, भारतीय संसद को केवल रक्षा, विदेश, वित्त व संचार मामलों में कानून बनाने का अधिकार है। -अन्य कानूनों को लेकर राज्य सरकार से अनुमोदन लेना जरूरी है। -भारतीय संसद राज्य की सीमाएं घटा-बढ़ा नहीं सकती है। -तिरंगे के अलावा जम्मू-कश्मीर का अपना अलग झंडा है। -भारत के दूसरे राज्यों के लोग इस राज्य में भूमि नहीं खरीद सकते। -वहां के लोगों के पास दोहरी नागरिकता है। -विधानसभा का कार्यकाल भी छह वर्ष का है। -शिक्षा व सूचना का अधिकार जैसे कानून और सीबीआइ, कैग जैसी एजेंसियां भी यहां लागू नहीं होती।

अनुच्छेद 35A

Image
  We the citizens नामक एनजीओ ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट को एक याचिका लगाई जो जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 35A से संबंधित था 2 साल के बाद मोदी सरकार ने न्यायिक डिसीजन करने का याचिका दायर की। उसके बाद से ही 35 A का बहस बहुत चर्चित हो गया सबसे पहले जानते हैं 35A अनुच्छेद क्या बताता है??? जम्मू कश्मीर की विधानसभा को यह  अधिकार देता है कि वह स्थायी नागरिक की परिभाषा तय कर सकें और उंहें चिन्हित कर विभिन्न विशेषाधिकार भी दे सके। भारत के किसी कानून को नहीं मानने यह प्रावधान है दूसरे शब्दों में भारत के किसी भी नागरिक को जम्मू-कश्मीर में वहां की नागरिकता नहीं ले सकता वही जम्मू कश्मीर के नागरिक अपने राज्य के अतिरिक्त दूसरे राज्यों में भी नागरिकता बन सकते हैं 35A जिसका जिक्र किसी संविधान कि किसी भी किताबें नहीं मिलता हालांकि संविधान में 35 a( स्मॉलर a) जरूर है लेकिन इसका जम्मू-कश्मीर से कोई सीधा संबंध नहीं है आज तक जितना भी संशोधन किताबों में मिलता है परंतु अनुच्छेद 35A संविधान के मुख्य भाग में नहीं बल्कि परिशिष्ट( अपेंडिक्स) में शामिल किया गया है ताकि लोगों को इसकी जानकारी कम हो